Maa Baap Par Hindi Shayri 2022 | माँ बाप पर हिंदी शायरी 2022

 मेरी दुनिया में इतनी जो शौहरत हैं, मेरी माता पिता की बदौलत हैं।


जिस के होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ, मेरे रब के बाद मैं बस अपने माँ-बाप को जानता हूँ।


चाहे लाख करो तुम पूजा और तीर्थ करो हजार, अगर माँ बाप को ठुकराया तो सब ही


टुकड़ों में बिखरा हुआ किसी का जिगर दिखाएँगे, कभी आना भूखे सोए बच्चों के माँ बाप से मिलाएँगे

अकेले में,
मिट्टी के खिलौने भी सस्ते ना थे मेले में।

माँ बाप का हाथ पकड़कर रखिये, लोगो के पांव पकड़ने की जरूरत नही पड़ेगी।





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